Duration 11:47

है नमन उनको | Hai Naman Unko | Indore 2018

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Published 14 Aug 2018

Dr Kumar Vishwas recites his famous poem 'Hai Naman Unko' in Indore. Tears can be seen rolling out from the eyes of audiences. A tearful tribute to the Martyr's. #KV #IndianArmyDay #KumarVishwas है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं पिता जिसके रक्त ने उज्जवल किया कुल-वंश माथा माँ वही जो दूध से इस देश की रज तौल लाई बहन जिसने सावनों में भर लिया पतझर स्वयं ही हाथ ना उलझे कलाई से जो राखी खोल लाई बेटियाँ जो लोरियों में भी प्रभाती सुन रही थीं पिता तुम पर गर्व है, चुपचाप जा कर बोल आई प्रिया, जिसकी चूड़ियों में सितारे से टूटते थे मांग का सिन्दूर दे कर जो उजाले मोल लाई है नमन उस देहरी को जिस पर तुम खेले कन्हैया घर तुम्हारे परम तप की राजधानी हो गये हैं है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय .... हमने लौटाए सिकन्दर सिर झुकाए मात खाऐ हमसे भिड़ते हैं वो जिनका मन धरा से भर गया है नर्क में तुम पूछना अपने बुजुर्गों से कभी भी उनके माथों पर हमारी ठोकरों का ही बयाँ है सिंह के दाँतों से गिनती सीखने वालों के आगे शीश देने की कला में क्या गजब है क्या नया है जूझना यमराज से आदत पुरानी है हमारी उत्तरों की खोज में फिर एक नचिकेता गया है है नमन उनको कि जिनकी अग्नि से हारा प्रभंजन काल कौतुक जिनके आगे पानी पानी हो गये हैं है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं लिख चुकी है विधि तुम्हारी वीरता के पुण्य लेखे विजय के उदघोष, गीता के कथन तुमको नमन है राखियों की प्रतीक्षा, सिन्दूरदानों की व्यथाऒं देशहित प्रतिबद्ध यौवन के सपन तुमको नमन है बहन के विश्वास भाई के सखा कुल के सहारे पिता के व्रत के फलित माँ के नयन तुमको नमन है है नमन उनको कि जिनको काल पाकर हुआ पावन शिखर जिनके चरण छूकर और मानी हो गये हैं कंचनी तन, चन्दनी मन, आह, आँसू, प्यार, सपने राष्ट्र के हित कर चले सब कुछ हवन तुमको नमन है है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये Follow us on :- YouTube :- /KumarVishwas Facebook :- https://www.facebook.com/KumarVishwas Twitter :- https://twitter.com/DrKumarVishwas

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